विकास दुबे केस : मौत के आंगन में खुद नहीं कूदे, घसीट कर लाए गए थे सीओ

कानपुर
विकास दुबे केस में दबिश का नेतृत्व करने वाले शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्रा खुद मौत के आंगन में नहीं कूदे थे। वह बाहर मोर्चा लेते हुए घायल हुए थे। एक गोली उन्हें धंस चुकी थी, जब वह विकास दुबे के घर के सामने जेसीबी के उस पार थे। तब तक धुआंधार फायरिंग करते हुए बदमाश छतों से नीचे उतर चुके थे। उन्होंने सड़क पर सीओ को पकड़ा और घसीट कर प्रेमप्रकाश के आंगन तक ले गए। वहीं उन्हें एक-एक कर पांच गोलियां मारीं। उसी जगह वे दो पुलिसवालों को पहले ही मार चुके थे। पुलिस ने जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें इस हत्याकांड के प्रत्यक्षदर्शी सिपाहियों ने यह सच बयां किया है। अब तक यही कहानी प्रचारित है कि गोलियों की बौछार होने पर भागे सीओ होमगार्ड के कंधे पर पैर रखकर प्रेम प्रकाश पाण्डेय के आंगन में कूद गए थे, जहां बदमाशों ने उन्हें गोली से उड़ा दिया।

एनकाउंटर में सीओ देवेन्द्र मिश्रा के साथ रहे सिपाही पिंटू तोमर ने अपने बयान में कहा है, 'बिकरू में पुलिस पार्टी पर गोलियां चलना शुरू हुईं, तब मैं और साहब (सीओ) साथ थे। एक गोली साहब को लगी। उन्होंने हाथ से घाव दबा लिया। हम दोनों भागकर गोविंद सैनी के बरामदे में आड़ लेकर खड़े हो गए। बदमाशों की तरफ से लगातार फायरिंग हो रही थी। इसी दौरान गोविंद दरवाजा खोलकर निकला। सड़क पर भाग रहे एक अपराधी को उसने असलहा दिया। वह असलहा लेकर पप्पू मिश्रा के खाली प्लॉट की तरफ बढ़ गया। गोविंद जब तक दरवाजा बंद करता, मैं और साहब (सीओ) धक्का देकर घर में घुस गए। साहब ने गोविंद को काबू किया। अंदर उसकी पत्नी किसी को फोन कर कह रही थी, पुलिस घर में घुस कर छिप रही है। मैंने उससे फोन छीन लिया। साहब ने मुझसे कहा- छत पर देखो। मैं छत पर गया, तो सब तरफ से मुझ पर गोली चलने लगी। वह वहीं छिपकर बैठ गया। इसी बीच साहब गोविंद के घर से निकल गए। मैंने देखा कि विकास के घर के सामने की सड़क पर विकास दुबे, हीरू दुबे, प्रेम प्रकाश पाण्डेय, अमर दुबे, अतुल दुबे, प्रभात मिश्रा, दयाशंकर अग्निहोत्री, प्रवीण उर्फ बउआ समेत 15-20 लोगों ने उन्हें घेर लिया। साहब गोली नहीं चला सके। उन्हें पकड़ कर बदमाश प्रेम प्रकाश के आंगन में घसीट ले गए। वहीं उन्हें गोलियां मारीं।'

होमगार्ड जयराम कटियार ने बयान में कहा, 'सीओ साहब भागते हुए विकास दुबे के मकान के सामने पहुंच गए थे। वहीं पर बदमाशों ने उन्हें पकड़ लिया और प्रेम प्रकाश के घर में घसीटकर ले गए।' विवेचक को सुनने में हुई गलती विवेचक ने सिपाही पिंटू तोमर से सवाल भी किया कि सीओ के फंादकर प्रेम प्रकाश के घर में जाने की बात प्रकाश में आई है। इस पर सिपाही ने जवाब दिया कि चौबेपुर थाने के दरोगा विश्वनाथ मिश्रा और सिपाही नेम सिंह जरूर प्रेमप्रकाश के आंगन में कूदे थे। वहीं उसके टॉयलेट में छिप कर वे कुछ देर बचे रहे। पर सीओ को वहां तक घसीटकर बदमाश ही ले गए थे।

Source : Agency

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